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राजस्थान की प्रमुख बोलियाँ {Major Bids of Rajasthan most question}

 

राजस्थान राज्य की प्रमुख भाषा राजस्थानी है 



           

राजस्थानी आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं में से एक है, जिसका वास्तविक क्षेत्र वर्तमान राजस्थान प्रान्त तक ही सीमित होकर मध्यप्रदेश के कतिपय पूर्वी तथा दक्षिणी भाग में और पाकिस्तान के वहावलपुर जिले तथा दूसरे पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी सीमा प्रदेशों में भी है। यह हरियाणापंजाबगुजरात और  के निकटवर्ती क्षेत्रों में बोली जाने वाली भाषाओं और बोलियों का समूह है। पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांतों में भी इसके वक्ता हैं। राजस्थानी पश्चिमी इंडो-आर्यन भाषा होने के कारण पड़ोसी, संबंधित हिंदी भाषाओं से अलग भाषा है। यह भाषा भारत में लगभग नौ करोड़ लोगों के द्वारा बोली, लिखी एवं पढ़ी जाती है।
राजस्थानी नागरी लिपि में लिखी जाती है। इसके अतिरिक्त यहाँ के पुराने लोगों में अब भी एक भिन्न लिपि प्रचलित है, जिसे "बाण्याँ वाटी" कहा जाता है। इस लिपि में प्रायः मात्रा-चिह्र नहीं दिए जाते। राजस्थानी बनिये आज भी बहीखातों में इस लिपि का प्रयोग करते हैं।


            राज्य उस संगठित इकाई को कहते हैं जो एक शासन (सरकार) के अधीन हो। राज्य संप्रभुतासम्पन्न हो सकते हैं। इसके अलावा किसी शासकीय इकाई या उसके किसी प्रभाग को भी 'राज्य' कहते हैं, जैसे भारत के प्रदेशों को भी 'राज्य' कहते हैं।


·        1राजस्थान की बोलियाँ

2राजस्थानी भाषा की बोलियों का वर्गीकरण

राजस्थान की बोलियाँ

राजस्थानी भाषा की मुख्यतः आठ बोलियां है जिनका कुछ अन्य उपबोलियों में भी विभाजन किया जाता है। भारत की जनगणना 1991 2011 के अनुसार निम्न बोलियाँ आधुनिक राजस्थानी भाषा के प्राथमिक वर्गीकरण के अंतर्गत आती हैमारवाड़ी बोलीहाड़ौती बोलीमेवाड़ी बोलीढूंढाड़ी बोलीशेखावाटी बोलीबागड़ी बोलीवागड़ी बोलीमेवाती बोली[जालोरी बोली

भारत की जनगणना 1961 में राजस्थानी भाषा के वक्ताओं द्वारा इस भाषा की 73 बोलियां लिखवाई गई किंतु इनमें से 46 बोलियों के वक्ताओं की संख्या 1 हजार से भी कम थी, साथ ही अन्य 13 बोलियों के वक्ताओं की संख्या 50 हजार से भी कम थी। इनमें से मुख्यतः 4 बोलियों के ही वक्ताओं की संख्या 10 लाख से ज्यादा थी। भाषाविदों के अनुसार राजस्थानी की मुख्यतः 8 बोलियां ही है।

राजस्थानी भाषा की बोलियों का वर्गीकरण

राजस्थानी भाषा पश्चिमी इंडो-आर्यन भाषा परिवार से संबंधित हैं।

डॉ॰ ग्रियर्सन ने राजस्थानी की पाँच बोलियाँ मानी हैं-

(1) पश्चिमी राजस्थानी (मारवाड़ी),

(2) उत्तर पूर्वी राजस्थानी (मेवाती अहीरवाटी),

(3) मध्यपूर्वी (या पूर्वी) राजस्थानी (ढूँढाडी हाड़ौती),

(4) दक्षिण-पूर्वी राजस्थानी (मालवी),

(5) दक्षिणी राजस्थानी (निमाड़ी)

ग्रियर्सन ने भीली और खानदेशी को स्वतंत्र भाषा वर्ग में माना है, किन्तु डॉ॰ चाटुर्ज्या इन्हें "राजस्थानी वर्ग" के ही अंतर्गत रखना चाहेंगे, जो अधिक समीचीन जान पड़ता है। डूँगरपुरबाँसवाड़ाप्रतापगढ़ तथा आसपास की भीली बोलियों और खानदेशी की व्याकरणिक संघटना राजस्थानी से विशेष भिन्न नहीं है। वस्तुत: ये राजस्थानी के वे रूप हैं जो क्रमश: गुजराती और मराठी तत्वों से मिश्रित हैं। राजस्थानी वर्ग के अंतर्गत पाकिस्तान तथा कश्मीर के सीमांत प्रदेश की गूजरी बोली और तमिल-नाड की सौराष्ट्र बोली भी आती है, जो पूर्वी राजस्थानी से विशेष संबद्ध जान पड़ती है। डॉ॰ चाटुर्ज्या ने ग्रियर्सन के राजस्थानी के पाँच बोली-भेदों को नहीं माना हे। वे मारवाड़ी और ढूँढाडी हाड़ौती को ही "राजस्थानी" संज्ञा देना ठीक समझते हैं। उनके अनुसार राजस्थानी के दो ही वर्ग हैं :-

(1) पश्चिमी राजस्थानी (मारवाड़ी),

(2) पूर्वी राजस्थानी (जैपुरी हाड़ौती)

मेवाती, मालवी और निमाड़ी का वे पश्चिमी हिंदी की ही विभाषा मानने के पक्ष में हैं, यद्यपि इस संबंध में अंतिम निर्णय नहीं देते।

प्रमुख बोलियाँ

राजस्थानी भाषा की निम्न किस्में (मुख्य लिखित रूप बोलियां) है:

·        मानक राजस्थानी: राजस्थानी लोगों की सामान्य भाषा है और यह राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में 1 करोड़ 80 लाख (2001) से अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है।

·        मारवाड़ी बोली: लगभग 4.5 से 5 करोड़ बोलने वालों के साथ सबसे अधिक बोली जाने वाली राजस्थानी भाषा की मुख्य बोली जो मारवाड़ क्षेत्र में बोली जाती है।

·        मालवी बोली: लगभग 1 करोड़ लोग राजस्थानी भाषा की इस बोली को मालवा क्षेत्र जो मध्य प्रदेश में है, बोलते है।

·        ढूंढाड़ी बोली: इसके वक्ताओं की संख्या 80 लाख के करीब है जो राजस्थान के ढूंढाड़ क्षेत्र में बोली जाती है।

·        हाड़ौती बोली: इसके लगभग 50 लाख वक्ता है जो राजस्थान के ढूंढाड़ क्षेत्र में बोलते है।

·        मेवाड़ी बोली: इसके वक्ताओं की संख्या 50 लाख के करीब है जो राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र में बोली जाती है।

·        अहीरवाटी बोली: इसके वक्ताओं की संख्या 30 लाख के करीब है जो राजस्थान, दिल्ली हरियाणा के कुछ क्षेत्र में बोली जाती है।

·        शेखावाटी बोली: इसके वक्ताओं की संख्या 35 लाख के करीब है जो राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में बोली जाती है।

·        वागड़ी बोली: इसके वक्ताओं की संख्या 2 करोड़ 20 लाख है जो राजस्थान के डूंगरपुर बांसवाड़ा जिसे वागड़ क्षेत्र कहा जाता है, में बोली जाती है।

·        बागड़ी बोली: इसके वक्ताओं की संख्या 1 करोड़ 40 लाख के करीब है जो उतरी राजस्थान, उतरी पश्चिमी हरयाणा दक्षिणी पंजाब (भारत) के क्षेत्र में बोली जाती है।

·        निमाड़ी बोली: इसके वक्ताओं की संख्या 22 लाख के करीब है जो निमाड़ क्षेत्र (मध्यप्रदेश) में बोली जाती है।

·        जालोरी बोली इसके वक्ताओं की संख्या 17 लाख के करीब है जो जालौर क्षेत्र में बोली जाती है

·        इसकी अन्य बोलियों को मिलाकर कुल 73 बोलियां है।

       मुख्य प्रश्न 


 1 निम्नलिखित में से कौन सी बोली राजस्थानी बोलियों के अंतर्गत नहीं             गिनी जाती है?
   1  अहीर वाटी
   2 ब्रिज 
   3 मेवाती 
   4 बांगड़ी

 2  निम्न में से किन वर्षों में देवनागरी लिपि में सुधार हेतु लिपि सुधार                  समितियों का गठन किया गया?
 1 1947 
 2 1935
 3 1945 
4 उपयुक्त सभी

3  किस बोली को भीलों की बोली कहा जाता है?
1  मेवाड़ी बोली 
 2 बागड़ी बोली 
3 ब्रिज बोली 
4 मारवाड़ी बोली

4  मालव प्रदेश के राजपूतों में प्रचलित मारवाड़ी और मालवी के समिश्रण से उत्पन्न बोली का क्या नाम है?
1 रागडी
 2 मालवी
3 मालड़ी 
4 मेवाड़ी

5  मडिया लिपि का प्रयोग किन राज्यों में किया जा रहा है?
1  राजस्थान
2 महाराष्ट्र
3 गुजरात
4 उपरोक्त सभी

6  मालवी बोली कहां -कहां बोली जाती है?
1 प्रतापगढ़ बूंदी झालावाड़ 
झालावाड़ कोटा में प्रतापगढ़ 
3 कोटा बूंदी व प्रतापगढ़ 
4 उपर्युक्त में कोई नहीं

7 अलवर जिले के बहरोड़ और मुंडावर में कौन सी बोली बोली जाती है?
1 मारवाड़ी
2 ब्रिज 
3 राजस्थानी
अहीर वाटी

8  राजस्थान की बोली एवं क्षेत्र के संबंध को ध्यान में रखते हुए निम्नलिखित में से गलत युगम को पहचानिए-
1 बांरा,हाडोती 
2 करौली,मेवाती 
3 टॉक ढूंढा डी 
4 पाली बागड़ी

9  देवनागरी लिपि किस सदी तक पूर्ण रूप से परिपक्व हुई?
1 9वीं 
2 12वीं 
10वीं  
4 8वीं

10  अहीर वाटी और मेवाती बोलियां किस क्षेत्र में बोली जाती हैं?
1 उत्तर पूर्वी राजस्थान 
2 पश्चिमी राजस्थान
3 मध्य पूर्वी राजस्थान
4 दक्षिणी राजस्थान

11  तोरावटी किस राजस्थानी भाषा की उप बोली है?
ढूंढाडी 
2 मेवाड़ी
3 हाडोती
 4 मेवाती

12  राजस्थानी लिपि के अशुद्ध रूप को कहते हैं :-
1 खराड़ी लिपि 
2 निमाड़ी लिपि 
3 रागडी लिपि 
4 मुड़िया लिपि

13  नरपति नल्ह द्वारा रचित बीसलदेव रासो राजस्थानी की किस बोली की प्रमुख रचना है?
1 गौड वाडी
 2 शेखावाटी 
3 खेराड़ी 
4 निमाड़ी

14  राजस्थान की किस बोली पर मराठी भाषा का प्रभाव है;-
1 मालवी
2 मारवाड़ी
3 ढूंढा डी 
4 मेवाड़ी

15 राजस्थान की मूल भाषा कौन सी है ?
1 राजस्थानी
2 मारवाड़ी
3 ढूंढा डी 
4 मेवाड़ी

16  डूंगरपुर और बांसवाड़ा क्षेत्र में बोली जाने वाली बोली क्या कहलाती है?
1  वागडी 
2 शेखावाटी 
3 खेराड़ी 
4 निमाड़ी

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