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बालविकास की अवस्थाएं एंव प्रभावित करने वाले कारक

 बालविकास की अवस्थाएं एंव प्रभावित करने वाले कारक

विकास की अवस्थाएं। 
शैशवास्था की परिभाषा। 
बाल्यावस्था की परिभाषा। 
किशोरावस्था की परिभाषा। 
विकास को प्रभावित करने वाले कारक। 
बालविकास एंव विकास से संबंधित मुख्य बिंदु।



तृतीय श्रेणी अध्यापक L1 व L2 की भर्ती की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए इस पोस्ट में  विकास को प्रभावित करने वाले कारक के बारे में बताएंगे। साथ ही साथ जानेंगे  बाल विकास की अवस्थाएं कौन-कौन सी हैं? बाल विकास की विभिन्न अवस्थाओं की परिभाषा क्या है?


विकास की अवस्थाएं:

विभिन्न विद्धवानों के अनुसार विकास की अलग -अलग अवस्थाएं हैं। 

1- रोस के अनुसार :

(1) शैशवकाल (1 से 3 वर्ष तक)
(2) पूर्व-बाल्यावस्था (3 से 6 वर्ष तक)
(3) उत्तर- बाल्यावस्था (6 से 12 वर्ष तक)
(4) किशोरावस्था (12 से 18 वर्ष तक)

2 -हरलोक के अनुसार :-

(1) गर्भावस्था (गर्भधारण से जन्म तक)
(2) नवजात अवस्था (जन्म से 14 दिन तक)
(3) शैशवावस्था (14 दिन से 2 वर्ष)
(4) बाल्यावस्था (2 वर्ष से 11 वर्ष)
(5) किशोरावस्था (11 वर्ष से 21

3. जोन्स के अनुसार :-

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