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पृथ्वी के मुख्य जलवायु कटिबंध Earth's main climate zones (important questions )

  पृथ्वी के मुख्य जलवायु कटिबंध क्षेत्र   जलवायु विस्तृत क्षेत्र में कई वर्षों की लम्बी अवधि तक पाई जाने वाली दशाओं का औसत होता है। यह प्रतिदिन नहीं बदलता। किसी भी स्थान के मौसम एवं जलवायु को निर्धारित करने वाले मख्य  भौतिक तत्त्व हैं -अक्षांश रेखायें ,  समुद्र तल से ऊँचाई और समुद्र से दूरी।   पृथ्वी के मुख्य  जलवायु क्षेत्र पर नीचे चर्चा की गयी है: 1.  भू-मध्य रेखीय   जलवायु क्षेत्र  (10 0   उत्तर  to 10 0   दक्षिण ) यह भूमध्य रेखा के उत्तर और दक्षिण में 5 डिग्री और 10 डिग्री के बीच पाया जाता है। इस क्षेत्र में भारी वर्षा होती है जो प्रति वर्ष  150 सेमी के बीच होती है। गर्मी के कारण , सुबह उज्ज्वल और धूप वाली होती है और शाम को संवहनी वर्षा होती है। थंडर बिजली अक्सर मूसलाधार शावर के साथ होती है। यह क्षेत्र प्राकृतिक रबड़ के लिए भी जाना जाता है जिसे   हेवी ब्रासिलिनेसिस   कहा जाता है।   अमेज़ॅन बेसिन  ( दक्षिण अमेरिका) ,  ज़ैर बेसिन  ( अफ्रीका) विशेष रूप से पश्चिमी हिस्से में , और   दक्षिण पूर्व एशिया  ( मुख्य रूप से द्वीप) इस श्रेणी का महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। 2.  सवाना या सूडान जलवा

सदी के सबसे लंबे ग्रहण longest eclipse of the century(most questios)

 सदी के सबसे लंबे  ग्रहण longest eclipse of the century(most questios)                                                  वास्तव में तो सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण विशिष्ट खगोलिक घटनाएँ हैं, जिनका उपयोग वैज्ञानिक सूर्य और चन्द्रमा के अध्ययन के लिए करते है।  यूँ  तो सूर्यग्रहण  और चंद्रग्रहण एक निश्चित अन्तराल के बाद होते रहते हैं पर कुछ अवसर अत्यंत विशिष्ट होते हैं।  ऐसे ही कुछ अवसरों का विवरण एवं उनसे जुड़े विशिष्ट प्रश्न प्रस्तुत हैं।  सदी का सबसे लंबा चन्द्रग्रहण               हम जानते हैं की चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है और  पृथ्वी चंद्रमा के साथ सूर्य की परिक्रमा करती है।  सूर्य के चारों ओर अपनी परिक्रमा के दौरान हमारी पृथ्वी,चाँद और सूर्य के बीच में इस तरह आ जाती है कि चाँद पर धरती की छांया पड़ने लगती है और चाँद छिप जाता है। लेकिन ऐसा तभी संभव  है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा अपनी कक्षा में एक दूसरे के बिलकुल सीध में पहुंच जाएँ। ऐसा केवल पूर्णिमा वाले दिन ही होता है।                        15 जून 2011  ( बुधवार ) की देर रात और गुरुवार की सुबह सदी का सबसे लंबा और काला चंद्रग्रहण द