राजस्थान की प्रमुख संत महिलाएं संत मीराबाई (जन्म 1498) कृष्ण भक्त कवयित्री व गायिका मीराबाई सोलवीं सदी के भारत के महान संतों में से एक थी अपनी अगाध एवं माधूर्यभाव कृष्ण भक्ति के कारण मीरा जी काफी प्रसिद्ध हुई।इसीलिए मीरा को राजस्थान की राधा की संज्ञा दी जाती है।इनका जन्म मेड़ता के राठौड़ राव जोधा के पुत्र रतन सिंह के घर में एक कुड़की पाली नामक ग्राम में 1498 -99ई.के लगभग हुआ था। इनके पिता रतन सिंह राठौड़ बाजौली के जागीरदार थे मीरा का लालन-पालन अपने दादा जी के यहां मेड़ता में हुआ इनका जन्म का नाम पेमल था।इनका विवाह 1516 ई. संवत् 1573 में राणा सांगा के पुत्र युवराज भोजराज के साथ हुआ था। पर विवाह के कुछ वर्ष बाद 7 वर्ष पश्चात ही भोजराज की मृत्यु हो जाने से यह तरुण अवस्था में ही विधवा हो गई। यह बचपन से ही कृष्ण भक्त थी।और उनका अधिकांश समय भजन संध्या में ही बिता करता था। मीराबाई ने सगुण भक्ति का सरल मार्ग भजन नृत्य एवं कृष्ण स्मरण को बताया अपने अंतिम समय में गुजरात में द्वारिका के डाकोर रणछोड़ मंदिर में चली गई और वही 1540 अपने गिरधर गोपाल में विलीन हो गई।मीरा जी की पदावलीयाँ प्रसिद्ध है।मी
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