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वंशानुक्रम एवं वातावरण की भूमिका (most questions )

 वंशानुक्रम एवं वातावरण की भूमिका  वंशानुक्रम का अर्थ :  वंशानुक्रम सीधे तौर पर वंश से संबंधित है अर्थात इसमें वंशानुक्रम में शिशु के विकास में माता पिता की भूमिका तो होती ही है साथ ही साथ शिशु के माता-पिता के माता-पिता की भी भूमिका होती है। इसीलिए इसका नाम वंशानुक्रम पड़ा है और मनुष्य के विकास में इसका प्रभाव पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ता रहता है। सरल शब्दों में वंशानुक्रम का अर्थ :- वंशानुक्रम का साधारण तौर पर अर्थ है कि जैसे माता-पिता होते हैं, उनकी सन्तान भी वैसी ही होती है। वंशानुक्रम के अर्थ में हम यह भी कह सकते हैं कि सभी सजीव अपने वंश  को बनाए रखने के लिए अपने समान बच्चे पैदा करते  हैं। बच्चों  के शारीरिक रूप-गुण अपने माता – पिता के अनुरूप होते हैं, ये वंशानुक्रम का ही एक उदाहरण है। मनोवैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि संतान अपने माता-पिता से शारीरिक गुणों के साथ-साथ मानसिक गुण भी प्राप्त करता है, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है,   उदाहरण के तौर पे ऐसा जरूरी नही है कि मंद-बुद्धि माता-पिता की संतानें भी मंद-बुद्धि हों। संतान शारीरिक एवं मानसिक गुण अपने माता-पिता के अलावा उनके पूर्वजों से भी प्र