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मार्च, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कृषि उपजों का वितरण एंव उत्पादन

      कृषि उपजों का वितरण एंव उत्पादन  सम्पूर्ण भारत के समान राजस्थान की अर्थव्यवस्था भी मूलतः कृषि पर आधारित है। राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 49.53 प्रतिशत कृषि के उपयोग में आता है। कृषि उपजों का वितरण एंव उत्पादन                                         राजस्थान की जलवायु की अत्यधिक क्षेत्रीय विविधता होने के कारण यहाँ उत्पादित होने वाली कृषि उपजों में अत्यधिक विविधता है एक ओर शुष्क प्रदेशों में बाजरा की प्रधानता है तो पर्याप्त वर्षा वाले प्रदेशों में गेंहूँ ,जौ ,चावल,गन्ना उत्पादित हो रहे हैं। राज्य में उत्पादित कृषि उपजों को निम्न श्रेणियों में विभक्त किया जा सकता है।      (1 ) खाद्यान्न उपजें      (2 ) तिलहन एंव दलहनी उपजें      (3 ) अन्य व्यापारिक मुद्रदायिनी उपजें  खाद्यान्न उपजें : गेंहूँ ,बाजरा ,मक्का ,जौ ,ज्वार और चावल प्रमुख      (1 ) गेंहूँ : राजस्थान गेंहूँ उत्पादन में भारत का पांचवां राज्य है राज्य की कुल भूमि का 9.5 %में  जाता है। प्रमुख उत्पादक जिले गंगानगर ,हनुमानगढ़,अलवर ,जयपुर ,कोटा ,बीकानेर ,नागौर ,जोधपुर ,भरतपुर ,सवाई माधोपुर ,करौली ,टोंक ,बूँदी ,कोटा ,बारां एंव

जल संसाधन ,सिंचाई परियोजनाएं एंव जल संरक्षण (for ssc reet students and patwari exam.)

  जल संसाधन ,सिंचाई परियोजनाएं एंव जल संरक्षण  जल  जीवन है और सम्पूर्ण प्रगति का आधार है। राजस्थान जैसे राज्य के लिए जल का महत्त्व और  भी अधिक हो जाता है ,क्योंकि इसका आधे से अधिक भाग शुष्क एंव अर्द्ध शुष्क है ,जहाँ वार्षिक वर्षा का औसत 25 से. मी. से कम है। इस प्रदेश में सूखा और अकाल सामान्य हैं                राजस्थान में जलापूर्ति के जो जल -संसाधन उपलब्ध हैं ,उनमें नदियाँ ,झीलें ,तालाब एंव भू-जल प्रमुख हैं, इसके अतिरिक्त विभिन्न परियोजनाओं विशेषकर नदी घाटी योजनाओं के अंतर्गत निकाली गई नहरें राज्य में जलापूर्ति का प्रमुख साधन हैं।                          राज्य के जल संसाधनों का संक्षिप्त विवेचन अग्रलिखत है - सतही जल संसाधन (Surface Water Resources) भू-जल संसाधन (Underground Water Resources) सतही जल संसाधन (Surface Water Resources)            राजस्थान के सतही जल संसाधनों  नदियाँ ,झीलें तथा तालाब प्रमुख हैं। ये स्रोत प्राकृतिक हैं ,किन्तु इनसे नहरें निकाल कर इनका व्यापक क्षेत्र  उपयोग किया गया है। इस दृष्टि से जहाँ राज्य अपनी स्वयं की नदियों के जल का उपयोग कर रहा है ,वहीं पंजाब ,उत्तर

राजस्थान का भूगोल ( मृदाएँ:- पटवार एंव रीट के मुख्य प्रश्न )

 

राजस्थान की प्रमुख नदियां एंव मेले ( SSC रीट एंव पटवारी exam )

  राजस्थान की प्रमुख नदियां एंव  मेले                 राजस्थान की गणना भारत के शुष्क प्रदेशों में की जाती है। अतः यहॉं नदियों और झीलों अर्थात जल राशियों का विशेष महत्व है ,किन्तु दुर्भाग्य से यहां नदियां न केवल कम हैं ,अपितु वर्ष -पर्यन्त प्रवाहित होने वाली नदियों का भी अभाव है ,केवल चंबल नदी ही एक ऐसी नदी है ,जो वर्ष भर जल से युक्त रहती है। वास्तव में राजस्थान की अपनी कोई वृहद नदी नहीं है ,चंबल और माही यहाँ से गुजरने वाली नदियां हैं ,अतः उन्हें मूलतः राजस्थान की नदियां नहीं कहा  जा सकता।सम्पूर्ण पश्चिमी राजस्थान में केवल मात्र लूणी और उसकी सहायक नदियां एक सीमित क्षेत्र में हैं। इसी प्रकार घग्घर नदी केवल मात्र वर्षा कल में ही प्रवाहित होती है। राजस्थान की प्रमुख नदी प्रणालियों में चंबल ,बनास ,माही ,लूणी ,बाणगंगा ,साबरमती ,कातली ,दोहन ,साहिबी ,मेघा -रूपनगर शुकल प्रमुख है।    राजस्थान के प्रमुख मेले व् स्थान  राजस्थान की प्रमुख नदियां एंव उद्गम स्थान   1.राजस्थान के प्रमुख मेले व् स्थान          मेले का नाम                         स्थान                                  तिथि  1      भर्तृ